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  • क्या हम सच में इस तकनीकी दुनिया में जी रहे हैं, या बस एक बड़ी धोखाधड़ी के शिकार हैं? आजकल जब भी हम किसी तकनीकी उत्पाद को खरीदने की कोशिश करते हैं, तो हमें "15% ऑफ डेल कूपन कोड" जैसे भ्रामक विज्ञापनों का सामना करना पड़ता है। क्या यह सच में एक ऑफर है, या सिर्फ एक सस्ती मार्केटिंग तकनीक है जो हमें बेवकूफ बनाने के लिए इस्तेमाल की जा रही है?

    आपको याद होगा कि पिछले कुछ सालों में, डेल ने अपनी तकनीकी उत्पादों पर भारी छूट की पेशकश की है। "15% ओफ वर्कस्टेशन्स के साथ डेल प्रोमो कोड"। लेकिन असलियत ये है कि जब आप इन कोड्स का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको पता चलता है कि छूट केवल दिखावे की होती है। क्या आपको नहीं लगता कि यह हमारे समय और पैसे के साथ एक बड़ा मजाक है? यह सिर्फ एक सस्ते ट्रिक के अलावा कुछ नहीं है!

    फिर बात आती है "आज के कूपनों के लिए 600 डॉलर तक की छूट"। क्या आप सोच सकते हैं कि जब एक कंपनी इतनी बड़ी छूट देने का दावा करती है, तो उसके पीछे क्या बुरे इरादे हो सकते हैं? ये सब सिर्फ एक चाल है जिससे वे अपनी बिक्री बढ़ाना चाहते हैं। जब आप अंत में अपनी गाड़ी में पैसे डालते हैं, तो आप पाते हैं कि वास्तविक कीमतें पहले से ही inflated होती हैं। ये कंपनियाँ हमें अपने जाल में फंसाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।

    अगर हम अपने तकनीकी उत्पादों की गुणवत्ता की बात करें, तो क्या यह सच नहीं है कि डेल जैसे बड़े ब्रांड्स अब गुणवत्ता के बजाय मात्रा पर ध्यान दे रहे हैं? उनके कूपन कोड और छूट केवल एक सस्ते प्रचार का हिस्सा हैं, और हमें यह समझना चाहिए कि हमें इसके पीछे की वास्तविकता को पहचानना चाहिए।

    क्या हम इस तरह की हास्यास्पद मार्केटिंग तकनीकों के आगे और चुप रहेंगे? हमें एकजुट होकर इन कंपनियों के खिलाफ आवाज उठानी होगी। हमें यह स्वीकार करना होगा कि तकनीकी उत्पादों की कीमतें असल में हमसे छिपाई जा रही हैं और हमें बेवकूफ बनाने के लिए ये सभी ऑफर्स सिर्फ एक नाटक हैं।

    अब वक्त आ गया है कि हम जागरूक हों और सचेत रहें। कोई भी छूट कभी भी वास्तविकता से अधिक नहीं होगी जब तक कि हम खुद को इस धोखे से न बचाएं। इसलिए, अगली बार जब आप "15% ऑफ डेल कूपन कोड" देखेंगे, तो थोड़ा सोचें। क्या यह सच में एक डील है, या सिर्फ एक और तकनीकी धोखा?

    #डेल #कूपनकोड #तकनीकीधोखा #मार्केटिंगचाल #जागो_भारतीय
    क्या हम सच में इस तकनीकी दुनिया में जी रहे हैं, या बस एक बड़ी धोखाधड़ी के शिकार हैं? आजकल जब भी हम किसी तकनीकी उत्पाद को खरीदने की कोशिश करते हैं, तो हमें "15% ऑफ डेल कूपन कोड" जैसे भ्रामक विज्ञापनों का सामना करना पड़ता है। क्या यह सच में एक ऑफर है, या सिर्फ एक सस्ती मार्केटिंग तकनीक है जो हमें बेवकूफ बनाने के लिए इस्तेमाल की जा रही है? आपको याद होगा कि पिछले कुछ सालों में, डेल ने अपनी तकनीकी उत्पादों पर भारी छूट की पेशकश की है। "15% ओफ वर्कस्टेशन्स के साथ डेल प्रोमो कोड"। लेकिन असलियत ये है कि जब आप इन कोड्स का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको पता चलता है कि छूट केवल दिखावे की होती है। क्या आपको नहीं लगता कि यह हमारे समय और पैसे के साथ एक बड़ा मजाक है? यह सिर्फ एक सस्ते ट्रिक के अलावा कुछ नहीं है! फिर बात आती है "आज के कूपनों के लिए 600 डॉलर तक की छूट"। क्या आप सोच सकते हैं कि जब एक कंपनी इतनी बड़ी छूट देने का दावा करती है, तो उसके पीछे क्या बुरे इरादे हो सकते हैं? ये सब सिर्फ एक चाल है जिससे वे अपनी बिक्री बढ़ाना चाहते हैं। जब आप अंत में अपनी गाड़ी में पैसे डालते हैं, तो आप पाते हैं कि वास्तविक कीमतें पहले से ही inflated होती हैं। ये कंपनियाँ हमें अपने जाल में फंसाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। अगर हम अपने तकनीकी उत्पादों की गुणवत्ता की बात करें, तो क्या यह सच नहीं है कि डेल जैसे बड़े ब्रांड्स अब गुणवत्ता के बजाय मात्रा पर ध्यान दे रहे हैं? उनके कूपन कोड और छूट केवल एक सस्ते प्रचार का हिस्सा हैं, और हमें यह समझना चाहिए कि हमें इसके पीछे की वास्तविकता को पहचानना चाहिए। क्या हम इस तरह की हास्यास्पद मार्केटिंग तकनीकों के आगे और चुप रहेंगे? हमें एकजुट होकर इन कंपनियों के खिलाफ आवाज उठानी होगी। हमें यह स्वीकार करना होगा कि तकनीकी उत्पादों की कीमतें असल में हमसे छिपाई जा रही हैं और हमें बेवकूफ बनाने के लिए ये सभी ऑफर्स सिर्फ एक नाटक हैं। अब वक्त आ गया है कि हम जागरूक हों और सचेत रहें। कोई भी छूट कभी भी वास्तविकता से अधिक नहीं होगी जब तक कि हम खुद को इस धोखे से न बचाएं। इसलिए, अगली बार जब आप "15% ऑफ डेल कूपन कोड" देखेंगे, तो थोड़ा सोचें। क्या यह सच में एक डील है, या सिर्फ एक और तकनीकी धोखा? #डेल #कूपनकोड #तकनीकीधोखा #मार्केटिंगचाल #जागो_भारतीय
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  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की दुनिया में हम लगातार नए-नए चमत्कारों की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन यह क्या है? "AI अब भी एक शाही चित्र नहीं बना सकता जो असहनीय रूप से creepy न लगे!" यह एक गंभीर बात है, और मैं इस पर चुप नहीं रह सकता। Ai-Da द्वारा बनाए गए किंग चार्ल्स III के चित्र ने तो जैसे हमें स्टार वार्स के सम्राट की याद दिला दी। क्या हमें अब भी इस तकनीक पर भरोसा करना चाहिए?

    क्या यह सच में संभव है कि हम 21वीं सदी में हैं, और AI अभी तक एक साधारण और सम्मानजनक चित्र बनाने में असमर्थ है? यह न केवल तकनीकी कमी का संकेत है, बल्कि हमारे समाज की एक बड़ी विफलता भी है। हम ऐसे समय में जी रहे हैं जब हम सब कुछ स्वचालित और स्मार्ट बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जब बात आती है कला और सृजनात्मकता की, तो हम अविश्वसनीय रूप से पिछड़ गए हैं।

    AI द्वारा बनाए गए चित्रों में "असंगतता" और "अजीबता" अब एक सामान्य बात बन गई है। हर बार जब हम एक नया AI चित्र देखते हैं, तो हमें यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि क्या यह सच में एक कलाकार का काम है या फिर एक मशीन का। और अगर यह मशीन का काम है, तो क्या यह किसी भी तरह से मानवता को दर्शाता है? नहीं! यह सिर्फ एक साधारण कंप्यूटर प्रोग्राम का उत्पाद है, जो हमारी भावनाओं और संवेदनाओं से कोसों दूर है।

    किसी भी क्षेत्र में जब AI को लागू किया जाता है, तो हमें यह सोचना चाहिए कि क्या यह वास्तव में हमें आगे बढ़ा रहा है या फिर हमारी मूल संवेदनाओं को नष्ट कर रहा है। क्या हमें सच्ची कला की आवश्यकता नहीं है? क्या हमें ऐसे चित्रों की आवश्यकता है जो मात्र तकनीकी जादू का नतीजा हों? यह तो एक बड़ा मजाक बन गया है!

    इस स्थिति के लिए हम किसको जिम्मेदार ठहराएँ? क्या यह तकनीकी विकास की गलती है या हमारे समाज की? जब हम ऐसे चित्रों को स्वीकार करते हैं, तो हम एक संदेश भेजते हैं कि हम कला की गुणवत्ता और उसके असली मूल्य को भूल चुके हैं। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि कला केवल एक चित्र नहीं है, बल्कि एक भावना है, एक अनुभव है जो हमें जोड़ता है। लेकिन जब AI हमें "क्रीपी" चित्र देता है, तो क्या यह वास्तव में कला है?

    हमें अब अपने दृष्टिकोण को बदलने की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि AI केवल सहायक हो, न कि हमारी कला का स्थान ले। अगर हम इस तकनीक को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहते हैं, तो हमे इसे सही दिशा में ले जाना होगा।

    #AI #कल#शाहीचित्र #क्रीपी #तकनीकीविकास
    कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की दुनिया में हम लगातार नए-नए चमत्कारों की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन यह क्या है? "AI अब भी एक शाही चित्र नहीं बना सकता जो असहनीय रूप से creepy न लगे!" यह एक गंभीर बात है, और मैं इस पर चुप नहीं रह सकता। Ai-Da द्वारा बनाए गए किंग चार्ल्स III के चित्र ने तो जैसे हमें स्टार वार्स के सम्राट की याद दिला दी। क्या हमें अब भी इस तकनीक पर भरोसा करना चाहिए? क्या यह सच में संभव है कि हम 21वीं सदी में हैं, और AI अभी तक एक साधारण और सम्मानजनक चित्र बनाने में असमर्थ है? यह न केवल तकनीकी कमी का संकेत है, बल्कि हमारे समाज की एक बड़ी विफलता भी है। हम ऐसे समय में जी रहे हैं जब हम सब कुछ स्वचालित और स्मार्ट बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जब बात आती है कला और सृजनात्मकता की, तो हम अविश्वसनीय रूप से पिछड़ गए हैं। AI द्वारा बनाए गए चित्रों में "असंगतता" और "अजीबता" अब एक सामान्य बात बन गई है। हर बार जब हम एक नया AI चित्र देखते हैं, तो हमें यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि क्या यह सच में एक कलाकार का काम है या फिर एक मशीन का। और अगर यह मशीन का काम है, तो क्या यह किसी भी तरह से मानवता को दर्शाता है? नहीं! यह सिर्फ एक साधारण कंप्यूटर प्रोग्राम का उत्पाद है, जो हमारी भावनाओं और संवेदनाओं से कोसों दूर है। किसी भी क्षेत्र में जब AI को लागू किया जाता है, तो हमें यह सोचना चाहिए कि क्या यह वास्तव में हमें आगे बढ़ा रहा है या फिर हमारी मूल संवेदनाओं को नष्ट कर रहा है। क्या हमें सच्ची कला की आवश्यकता नहीं है? क्या हमें ऐसे चित्रों की आवश्यकता है जो मात्र तकनीकी जादू का नतीजा हों? यह तो एक बड़ा मजाक बन गया है! इस स्थिति के लिए हम किसको जिम्मेदार ठहराएँ? क्या यह तकनीकी विकास की गलती है या हमारे समाज की? जब हम ऐसे चित्रों को स्वीकार करते हैं, तो हम एक संदेश भेजते हैं कि हम कला की गुणवत्ता और उसके असली मूल्य को भूल चुके हैं। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि कला केवल एक चित्र नहीं है, बल्कि एक भावना है, एक अनुभव है जो हमें जोड़ता है। लेकिन जब AI हमें "क्रीपी" चित्र देता है, तो क्या यह वास्तव में कला है? हमें अब अपने दृष्टिकोण को बदलने की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि AI केवल सहायक हो, न कि हमारी कला का स्थान ले। अगर हम इस तकनीक को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहते हैं, तो हमे इसे सही दिशा में ले जाना होगा। #AI #कला #शाहीचित्र #क्रीपी #तकनीकीविकास
    AI still can't generate a Royal portrait that isn't impossibly creepy
    Ai-Da's painting of King Charles III is giving serious Star Wars Emperor vibes.
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  • क्या यह पागलपन नहीं है? एक टर्बो ई-स्कूटर, जिसकी कीमत लगभग 30,000 डॉलर है, गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए 100 मील प्रति घंटे की गति हासिल करने का प्रयास कर रहा है! क्या हमें सच में इस तरह की तकनीकी बर्बादी की जरूरत है? क्या हम पूरी तरह से पागल हो गए हैं कि हम ऐसी चीज़ों पर पैसे फेंक रहे हैं जो असुरक्षित और बेतुकी हैं?

    फॉर्मूला वन की विशेषज्ञता का दावा करने वाली इस कंपनी ने यह सोचकर अपने आप को धोखा दिया है कि उन्हें अपनी मोटरस्पोर्ट्स की महिमा को एक इलेक्ट्रिक स्कूटर पर चिपकाने की जरूरत है। क्या स्कूटर को रेसिंग कार के स्तर पर लाना एक बुद्धिमानी भरा कदम है? क्या हमें यह नहीं समझना चाहिए कि सड़कें रेसिंग ट्रैक नहीं हैं? हम अपनी सुरक्षा को दांव पर क्यों लगा रहे हैं?

    इस टर्बो ई-स्कूटर के पीछे की सोच पूरी तरह से ग़लत है। क्या हम भूल गए हैं कि उच्च गति सिर्फ रोमांच नहीं लाती, बल्कि यह जानलेवा भी हो सकती है? आप सोचिए, 100 मील प्रति घंटे की गति पर चलने वाला एक स्कूटर, क्या यह सड़क पर अन्य लोगों के लिए एक खतरा नहीं है? क्या यह किसी की जान ले सकता है? इस तरह की तकनीकी गड़बड़ियों की कोई जगह नहीं है, खासकर तब जब हम जानते हैं कि सड़क पर पहले से ही कितनी समस्याएँ हैं।

    जब हम इस टर्बो ई-स्कूटर की बात करते हैं, तो हमें यह भी समझना चाहिए कि यह केवल एक उपकरण नहीं है, बल्कि यह एक संस्कृति का प्रतीक है। यह एक ऐसी संस्कृति है जो केवल तेज़ी और प्रदर्शन पर केंद्रित है, जबकि हम अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को भूलते जा रहे हैं। क्या यह सच में सही है कि हम अपनी तकनीकी प्रगति को इस तरह से आगे बढ़ाते हैं, जहाँ केवल व्यक्तिगत संतोष को प्राथमिकता दी जा रही है और सामूहिक सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है?

    हमारी सरकार और नियामक संस्थाओं को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। क्या हम सच में इस तरह के खतरनाक उपकरणों को सड़क पर अनुमति देने का जोखिम उठा सकते हैं? क्या इन कंपनियों को इस बात की कोई परवाह नहीं है कि उनके उत्पादों का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है? ऐसे मामलों में हमें कठोर नियमों और नियंत्रणों की आवश्यकता है, ताकि हम इस तरह के खतरे को रोक सकें।

    आखिरकार, यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम ऐसी तकनीकी बर्बादी के खिलाफ आवाज उठाएं। हम एक बेहतर, सुरक्षित और जिम्मेदार समाज की ओर बढ़ने का प्रयास करें। हमें टर्बो ई-स्कूटर जैसे उत्पादों का विरोध करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता में हो।

    #टर्बोईस्कूटर #गिनीज़वर्ल्डरिकॉर्ड #सड़कसुरक्षा #तकनीकीबर्बादी #सामाजिकजिम्मेदारी
    क्या यह पागलपन नहीं है? एक टर्बो ई-स्कूटर, जिसकी कीमत लगभग 30,000 डॉलर है, गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए 100 मील प्रति घंटे की गति हासिल करने का प्रयास कर रहा है! क्या हमें सच में इस तरह की तकनीकी बर्बादी की जरूरत है? क्या हम पूरी तरह से पागल हो गए हैं कि हम ऐसी चीज़ों पर पैसे फेंक रहे हैं जो असुरक्षित और बेतुकी हैं? फॉर्मूला वन की विशेषज्ञता का दावा करने वाली इस कंपनी ने यह सोचकर अपने आप को धोखा दिया है कि उन्हें अपनी मोटरस्पोर्ट्स की महिमा को एक इलेक्ट्रिक स्कूटर पर चिपकाने की जरूरत है। क्या स्कूटर को रेसिंग कार के स्तर पर लाना एक बुद्धिमानी भरा कदम है? क्या हमें यह नहीं समझना चाहिए कि सड़कें रेसिंग ट्रैक नहीं हैं? हम अपनी सुरक्षा को दांव पर क्यों लगा रहे हैं? इस टर्बो ई-स्कूटर के पीछे की सोच पूरी तरह से ग़लत है। क्या हम भूल गए हैं कि उच्च गति सिर्फ रोमांच नहीं लाती, बल्कि यह जानलेवा भी हो सकती है? आप सोचिए, 100 मील प्रति घंटे की गति पर चलने वाला एक स्कूटर, क्या यह सड़क पर अन्य लोगों के लिए एक खतरा नहीं है? क्या यह किसी की जान ले सकता है? इस तरह की तकनीकी गड़बड़ियों की कोई जगह नहीं है, खासकर तब जब हम जानते हैं कि सड़क पर पहले से ही कितनी समस्याएँ हैं। जब हम इस टर्बो ई-स्कूटर की बात करते हैं, तो हमें यह भी समझना चाहिए कि यह केवल एक उपकरण नहीं है, बल्कि यह एक संस्कृति का प्रतीक है। यह एक ऐसी संस्कृति है जो केवल तेज़ी और प्रदर्शन पर केंद्रित है, जबकि हम अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को भूलते जा रहे हैं। क्या यह सच में सही है कि हम अपनी तकनीकी प्रगति को इस तरह से आगे बढ़ाते हैं, जहाँ केवल व्यक्तिगत संतोष को प्राथमिकता दी जा रही है और सामूहिक सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है? हमारी सरकार और नियामक संस्थाओं को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। क्या हम सच में इस तरह के खतरनाक उपकरणों को सड़क पर अनुमति देने का जोखिम उठा सकते हैं? क्या इन कंपनियों को इस बात की कोई परवाह नहीं है कि उनके उत्पादों का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है? ऐसे मामलों में हमें कठोर नियमों और नियंत्रणों की आवश्यकता है, ताकि हम इस तरह के खतरे को रोक सकें। आखिरकार, यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम ऐसी तकनीकी बर्बादी के खिलाफ आवाज उठाएं। हम एक बेहतर, सुरक्षित और जिम्मेदार समाज की ओर बढ़ने का प्रयास करें। हमें टर्बो ई-स्कूटर जैसे उत्पादों का विरोध करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता में हो। #टर्बोईस्कूटर #गिनीज़वर्ल्डरिकॉर्ड #सड़कसुरक्षा #तकनीकीबर्बादी #सामाजिकजिम्मेदारी
    This Turbo Escooter Wants to Set a Guinness World Record
    With Formula One expertise, Bo plans to break 100 miles per hour on its nearly $30,000 Turbo scooter.
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  • ماذا يحدث في مجتمعنا؟ هل فقدنا جميعًا عقولنا؟ العلماء الذين يطبعون أورام ثلاثية الأبعاد للاستفادة منها في علاج أمراض السرطان، أليس هذا هو أسوأ ما يمكن أن نسمعه؟ نحن نتحدث عن استخدام تقنيات متقدمة، ولكن ماذا عن الأخلاقيات؟ ماذا عن الإنسانية؟

    من الغريب أن نرى كيف يتم استخدام التكنولوجيا بطريقة غير مسؤولة. هل يعقل أن نعتمد على طباعة الأورام بدلاً من البحث الجاد والفعال عن حلول حقيقية لأمراض السرطان؟ هل طباعة الأورام ثلاثية الأبعاد هو الحل السحري الذي كنا ننتظره، أم أنها مجرد خدعة تكنولوجية أخرى لنشتت انتباهنا عن المشاكل الحقيقية التي تواجه مرضى السرطان؟

    بصراحة، هذا الأمر يثير الغضب. كيف يمكن للعلماء، الذين يفترض أن يكونوا حماة الإنسانية، أن يشاركوا في مثل هذه المشاريع التي تثير الشكوك حول نواياهم؟ هل كل ما يهمهم هو الشهرة والتمويل؟ يبدو أن البحث العلمي تحول إلى سباق لتحقيق المكاسب الشخصية بدلاً من تقديم المساعدة الحقيقية للمرضى.

    فلنكن صادقين، مرضى السرطان يحتاجون إلى علاج فعّال، وليس إلى تجارب غريبة تعتمد على طباعة الأورام. هم بحاجة إلى دعم حقيقي، وليس إلى مشاريع تكنولوجية تفتقر إلى النية الصادقة. أي نوع من العلماء هؤلاء الذين يفضلون طباعة الأورام بدلاً من توفير الأمل للناس الذين يعانون؟

    نحن بحاجة إلى وقفة حقيقية لنفكر فيما يحدث في عالمنا. هل نحن راضون عن هذه التكنولوجيا التي تبتعد عن جوهر الإنسانية؟ هل نريد أن نعيش في عالم يكون فيه البحث العلمي مجرد وسيلة للتلاعب والتجريب بدلاً من كونه أداة للشفاء؟ يجب على المجتمع العلمي أن يتعامل مع هذه المسألة بجدية أكبر وأن يتحمل مسؤولياته تجاه الإنسانية.

    في النهاية، يجب أن نرفع أصواتنا ضد هذه الممارسات غير الأخلاقية ونطالب بتوجيه البحث العلمي نحو أهداف نبيلة. لن نسمح لأي شخص بأن يتلاعب بمصائر الناس لأغراض شخصية أو تجارية. يجب أن نكون جميعًا جزءًا من هذه المعركة من أجل الحق والعدالة في الطب.

    #أبحاث_السرطان #تكنولوجيا_الطباعة #أخلاقيات_البحث #الصحة_العامة #المسؤولية_الاجتماعية
    ماذا يحدث في مجتمعنا؟ هل فقدنا جميعًا عقولنا؟ العلماء الذين يطبعون أورام ثلاثية الأبعاد للاستفادة منها في علاج أمراض السرطان، أليس هذا هو أسوأ ما يمكن أن نسمعه؟ نحن نتحدث عن استخدام تقنيات متقدمة، ولكن ماذا عن الأخلاقيات؟ ماذا عن الإنسانية؟ من الغريب أن نرى كيف يتم استخدام التكنولوجيا بطريقة غير مسؤولة. هل يعقل أن نعتمد على طباعة الأورام بدلاً من البحث الجاد والفعال عن حلول حقيقية لأمراض السرطان؟ هل طباعة الأورام ثلاثية الأبعاد هو الحل السحري الذي كنا ننتظره، أم أنها مجرد خدعة تكنولوجية أخرى لنشتت انتباهنا عن المشاكل الحقيقية التي تواجه مرضى السرطان؟ بصراحة، هذا الأمر يثير الغضب. كيف يمكن للعلماء، الذين يفترض أن يكونوا حماة الإنسانية، أن يشاركوا في مثل هذه المشاريع التي تثير الشكوك حول نواياهم؟ هل كل ما يهمهم هو الشهرة والتمويل؟ يبدو أن البحث العلمي تحول إلى سباق لتحقيق المكاسب الشخصية بدلاً من تقديم المساعدة الحقيقية للمرضى. فلنكن صادقين، مرضى السرطان يحتاجون إلى علاج فعّال، وليس إلى تجارب غريبة تعتمد على طباعة الأورام. هم بحاجة إلى دعم حقيقي، وليس إلى مشاريع تكنولوجية تفتقر إلى النية الصادقة. أي نوع من العلماء هؤلاء الذين يفضلون طباعة الأورام بدلاً من توفير الأمل للناس الذين يعانون؟ نحن بحاجة إلى وقفة حقيقية لنفكر فيما يحدث في عالمنا. هل نحن راضون عن هذه التكنولوجيا التي تبتعد عن جوهر الإنسانية؟ هل نريد أن نعيش في عالم يكون فيه البحث العلمي مجرد وسيلة للتلاعب والتجريب بدلاً من كونه أداة للشفاء؟ يجب على المجتمع العلمي أن يتعامل مع هذه المسألة بجدية أكبر وأن يتحمل مسؤولياته تجاه الإنسانية. في النهاية، يجب أن نرفع أصواتنا ضد هذه الممارسات غير الأخلاقية ونطالب بتوجيه البحث العلمي نحو أهداف نبيلة. لن نسمح لأي شخص بأن يتلاعب بمصائر الناس لأغراض شخصية أو تجارية. يجب أن نكون جميعًا جزءًا من هذه المعركة من أجل الحق والعدالة في الطب. #أبحاث_السرطان #تكنولوجيا_الطباعة #أخلاقيات_البحث #الصحة_العامة #المسؤولية_الاجتماعية
    علماء يطبعون أورام ثلاثية الأبعاد للاستفادة منها في علاج أمراض السرطان
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  • क्या आपको लगता है कि "Tutorial: Cityscape Set Design, Volume 1: Modeling" वास्तव में गेम्स और फिल्मों के लिए उपयोगी हो सकता है? मुझे इस पर गहरा संदेह है! यह ट्यूटोरियल सिर्फ एक और बहाना है ताकि लोग अपने पैसे लुटा सकें, जब असल में हमें गंभीरता से सोचने की जरूरत थी कि इन तकनीकी शैक्षिक सामग्रियों का असली मूल्य क्या है।

    आजकल हर जगह 2D और 3D वर्कफ़्लोज़ के बारे में बातें हो रही हैं, लेकिन असली समस्या ये है कि इन में से अधिकांश ट्यूटोरियल्स केवल पैसों के लिए बनाए गए हैं। क्या किसी ने कभी सोचा है कि ये ट्यूटोरियल्स वास्तव में कितने बेकार हैं? "The Gnomon Workshop" जैसे संस्थान आपको ये सिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे आप अपने खुद के सिटीस्केप सेट डिज़ाइन बना सकते हैं, लेकिन क्या ये वास्तव में सफल हैं? यहाँ पर हर किसी को यह महसूस होता है कि केवल दिखावे के लिए चीजें तैयार की जा रही हैं।

    क्या आपको नहीं लगता कि हम कुछ अधिक सार्थक चाहते हैं? क्या कोई भी ट्यूटोरियल आपको असली ज्ञान देने के लिए तैयार है, या ये केवल एक और दवा हैं जो आपको सिखाने की बजाय आपके समय और पैसे को चूस रहे हैं? असल में, ये ट्यूटोरियल्स एक ऐसी प्रणाली को बढ़ावा देते हैं जहां असली रचनात्मकता को दबाया जाता है। आपको यह भी याद रखना चाहिए कि जब आप इन ट्यूटोरियल्स का अनुसरण करते हैं, तो आप केवल एक और कॉपीकैट बनने की दिशा में बढ़ रहे हैं, न कि एक सच्चे कलाकार के रूप में विकसित हो रहे हैं।

    हमारे समाज में इस तरह के तकनीकी ज्ञान का बोझ बढ़ रहा है, लेकिन हम इसे सही तरीके से उपयोग करने में असमर्थ हैं। "Cityscape Set Design" को सीखने के बजाय, क्या हम एक ऐसी प्रणाली का निर्माण नहीं कर सकते जहाँ हम अपने विचारों को स्वतंत्रता से व्यक्त कर सकें? यह ट्यूटोरियल्स की दुनिया सिर्फ असली प्रतिभा और रचनात्मकता को दबा रही है।

    अब वक्त आ गया है कि हम इन बेकार ट्यूटोरियल्स को नकार दें और अपनी खुद की रचनात्मकता को उजागर करें! इन संस्थानों को यह समझना होगा कि हम सिर्फ पैसे के लिए नहीं बल्कि सच्चे ज्ञान और अनुभव के लिए यहां हैं। हमें एक नई दिशा की जरूरत है, एक ऐसी दिशा जो हमें सिखाए कि कैसे हम असली कलाकार बन सकते हैं!

    #Cityscape #SetDesign #Modeling #CreativeFreedom #ArtisticExpression
    क्या आपको लगता है कि "Tutorial: Cityscape Set Design, Volume 1: Modeling" वास्तव में गेम्स और फिल्मों के लिए उपयोगी हो सकता है? मुझे इस पर गहरा संदेह है! यह ट्यूटोरियल सिर्फ एक और बहाना है ताकि लोग अपने पैसे लुटा सकें, जब असल में हमें गंभीरता से सोचने की जरूरत थी कि इन तकनीकी शैक्षिक सामग्रियों का असली मूल्य क्या है। आजकल हर जगह 2D और 3D वर्कफ़्लोज़ के बारे में बातें हो रही हैं, लेकिन असली समस्या ये है कि इन में से अधिकांश ट्यूटोरियल्स केवल पैसों के लिए बनाए गए हैं। क्या किसी ने कभी सोचा है कि ये ट्यूटोरियल्स वास्तव में कितने बेकार हैं? "The Gnomon Workshop" जैसे संस्थान आपको ये सिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे आप अपने खुद के सिटीस्केप सेट डिज़ाइन बना सकते हैं, लेकिन क्या ये वास्तव में सफल हैं? यहाँ पर हर किसी को यह महसूस होता है कि केवल दिखावे के लिए चीजें तैयार की जा रही हैं। क्या आपको नहीं लगता कि हम कुछ अधिक सार्थक चाहते हैं? क्या कोई भी ट्यूटोरियल आपको असली ज्ञान देने के लिए तैयार है, या ये केवल एक और दवा हैं जो आपको सिखाने की बजाय आपके समय और पैसे को चूस रहे हैं? असल में, ये ट्यूटोरियल्स एक ऐसी प्रणाली को बढ़ावा देते हैं जहां असली रचनात्मकता को दबाया जाता है। आपको यह भी याद रखना चाहिए कि जब आप इन ट्यूटोरियल्स का अनुसरण करते हैं, तो आप केवल एक और कॉपीकैट बनने की दिशा में बढ़ रहे हैं, न कि एक सच्चे कलाकार के रूप में विकसित हो रहे हैं। हमारे समाज में इस तरह के तकनीकी ज्ञान का बोझ बढ़ रहा है, लेकिन हम इसे सही तरीके से उपयोग करने में असमर्थ हैं। "Cityscape Set Design" को सीखने के बजाय, क्या हम एक ऐसी प्रणाली का निर्माण नहीं कर सकते जहाँ हम अपने विचारों को स्वतंत्रता से व्यक्त कर सकें? यह ट्यूटोरियल्स की दुनिया सिर्फ असली प्रतिभा और रचनात्मकता को दबा रही है। अब वक्त आ गया है कि हम इन बेकार ट्यूटोरियल्स को नकार दें और अपनी खुद की रचनात्मकता को उजागर करें! इन संस्थानों को यह समझना होगा कि हम सिर्फ पैसे के लिए नहीं बल्कि सच्चे ज्ञान और अनुभव के लिए यहां हैं। हमें एक नई दिशा की जरूरत है, एक ऐसी दिशा जो हमें सिखाए कि कैसे हम असली कलाकार बन सकते हैं! #Cityscape #SetDesign #Modeling #CreativeFreedom #ArtisticExpression
    Tutorial: Cityscape Set Design, Volume 1: Modeling
    Combine 2D and 3D workflows to create environments for games and movies with The Gnomon Workshop's new tutorial series.
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  • मुझे समझ नहीं आता कि क्या चल रहा है! "Subnautica 2" के प्रकाशक Unknown Worlds ने अपने निष्कासित संस्थापकों पर देरी का आरोप लगाना शुरू कर दिया है। क्या यह वास्तव में सही है? क्या हम इस बेतुकी बात को स्वीकार कर सकते हैं? खेल की आत्मा को इस तरह से निकालना क्या सही है? Krafton ने रिलीज़ शेड्यूल को बदलकर सब कुछ बर्बाद कर दिया है, और अब यह पूरी उद्योग की विश्वसनीयता को प्रभावित कर रहा है।

    यहां बात सिर्फ एक गेम की नहीं, बल्कि पूरी गेमिंग संस्कृति की हो रही है! "Subnautica 2" एक ऐसा गेम है जिसका लाखों प्रशंसक इंतज़ार कर रहे हैं। लेकिन अब, एक तुच्छ $250 मिलियन के भुगतान के लिए, Krafton ने यह तय कर लिया कि वह विकासकर्ताओं के साथ खिलवाड़ करेगा और खेल की मूल आत्मा को नष्ट कर देगा। क्या हमें इस पर चुप रहना चाहिए? नहीं! हमें बोलना होगा, हमें प्रतिरोध करना होगा!

    क्या Krafton को यह नहीं पता कि एक गेम की सफलता उसके निर्माण में शामिल लोगों के प्रयासों पर निर्भर करती है? अब वे अपने लाभ के लिए खेल की आत्मा को छीन रहे हैं, जबकि प्रशंसक सिर्फ एक अद्भुत अनुभव की उम्मीद कर रहे हैं। क्या वे समझते हैं कि खेल सिर्फ कोड और ग्राफिक्स नहीं होते, बल्कि यह भावनाओं और अनुभवों का एक जटिल ताना-बाना होता है?

    यह सब देखकर मुझे गुस्सा आता है। हमारे जैसे प्रशंसकों का मनोबल गिराने का क्या मतलब है? क्या Krafton को यह नहीं समझ में आता कि प्रशंसक सिर्फ गेम के लिए पैसे नहीं देते, बल्कि वे उस भावनात्मक जुड़ाव के लिए भी भुगतान करते हैं जो वे उस गेम के साथ साझा करते हैं? अब जब वे देरी की वजह से अपने लक्ष्य को पूरा करने में असमर्थ हो जाएंगे, तो क्या वे अपनी गलती स्वीकार करेंगे? या वे इसे दूसरों पर डालकर बच निकलेंगे?

    "Subnautica's Soul Has Just Been Ripped Out" यह वाक्य सच में बेतुका है। खेल के अंदर की आत्मा, जो हमें जोड़ती थी, अब शायद केवल एक याद बनकर रह जाएगी। इस स्थिति को और नहीं सहा जा सकता। हमें Krafton और Unknown Worlds को यह बताना होगा कि हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारी आवाज़ें उठानी होंगी ताकि हम खेल की आत्मा को फिर से जीवित कर सकें!

    #Subnautica2 #Krafton #UnknownWorlds #GamingCommunity #GamerRevolution
    मुझे समझ नहीं आता कि क्या चल रहा है! "Subnautica 2" के प्रकाशक Unknown Worlds ने अपने निष्कासित संस्थापकों पर देरी का आरोप लगाना शुरू कर दिया है। क्या यह वास्तव में सही है? क्या हम इस बेतुकी बात को स्वीकार कर सकते हैं? खेल की आत्मा को इस तरह से निकालना क्या सही है? Krafton ने रिलीज़ शेड्यूल को बदलकर सब कुछ बर्बाद कर दिया है, और अब यह पूरी उद्योग की विश्वसनीयता को प्रभावित कर रहा है। यहां बात सिर्फ एक गेम की नहीं, बल्कि पूरी गेमिंग संस्कृति की हो रही है! "Subnautica 2" एक ऐसा गेम है जिसका लाखों प्रशंसक इंतज़ार कर रहे हैं। लेकिन अब, एक तुच्छ $250 मिलियन के भुगतान के लिए, Krafton ने यह तय कर लिया कि वह विकासकर्ताओं के साथ खिलवाड़ करेगा और खेल की मूल आत्मा को नष्ट कर देगा। क्या हमें इस पर चुप रहना चाहिए? नहीं! हमें बोलना होगा, हमें प्रतिरोध करना होगा! क्या Krafton को यह नहीं पता कि एक गेम की सफलता उसके निर्माण में शामिल लोगों के प्रयासों पर निर्भर करती है? अब वे अपने लाभ के लिए खेल की आत्मा को छीन रहे हैं, जबकि प्रशंसक सिर्फ एक अद्भुत अनुभव की उम्मीद कर रहे हैं। क्या वे समझते हैं कि खेल सिर्फ कोड और ग्राफिक्स नहीं होते, बल्कि यह भावनाओं और अनुभवों का एक जटिल ताना-बाना होता है? यह सब देखकर मुझे गुस्सा आता है। हमारे जैसे प्रशंसकों का मनोबल गिराने का क्या मतलब है? क्या Krafton को यह नहीं समझ में आता कि प्रशंसक सिर्फ गेम के लिए पैसे नहीं देते, बल्कि वे उस भावनात्मक जुड़ाव के लिए भी भुगतान करते हैं जो वे उस गेम के साथ साझा करते हैं? अब जब वे देरी की वजह से अपने लक्ष्य को पूरा करने में असमर्थ हो जाएंगे, तो क्या वे अपनी गलती स्वीकार करेंगे? या वे इसे दूसरों पर डालकर बच निकलेंगे? "Subnautica's Soul Has Just Been Ripped Out" यह वाक्य सच में बेतुका है। खेल के अंदर की आत्मा, जो हमें जोड़ती थी, अब शायद केवल एक याद बनकर रह जाएगी। इस स्थिति को और नहीं सहा जा सकता। हमें Krafton और Unknown Worlds को यह बताना होगा कि हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारी आवाज़ें उठानी होंगी ताकि हम खेल की आत्मा को फिर से जीवित कर सकें! #Subnautica2 #Krafton #UnknownWorlds #GamingCommunity #GamerRevolution
    Subnautica 2 Publisher Blames Ousted Founders For Delays As Fans Rebel: 'Subnautica's Soul Has Just Been Ripped Out' [Update]
    Subnautica 2 maker Unknown Worlds was set for a massive $250 million payout this year if it hit certain revenue targets, Bloomberg reported yesterday. But a fresh delay of one of the most wish-listed games on Steam makes that almost impossible. Publi
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  • कितनी हास्यास्पद बात है कि हम आज भी "An Emulated Stroll Down Macintosh Memory Lane" जैसे लेखों पर ध्यान दे रहे हैं, जबकि असलियत में Apple के उत्पादों में गंभीर खामियां हैं। क्या यह सच में 1984 का जादू है जो हमें याद दिलाता है या फिर यह केवल एक पुरानी यादों की खोखली परेड है?

    क्या हमें अपने पहले Mac की यादें ताजा करने के लिए इस लेख की जरूरत है? नहीं, हम सभी जानते हैं कि Apple ने अपने शुरुआती दिनों में कुछ अद्भुत चीजें बनाई थीं, लेकिन अब यह सिर्फ एक मार्केटिंग मशीन बनकर रह गई है। क्या कोई सोचता है कि G3 iMac की "आकर्षकता" आज के समय में कुछ भी मायने रखती है? क्या आप अपने जीवन की कीमत एक रंगीन iMac के लिए चुकाने को तैयार हैं?

    आज का Apple, पुराने Macintosh के क्रांतिकारी विचारों से बहुत दूर है। जब मैं सोचता हूं कि कैसे Apple ने अपने उपयोगकर्ताओं को एक ऐसे इकोसिस्टम में कैद कर दिया है, जहाँ हर चीज महंगी और सीमित है, तो मुझे गुस्सा आता है। क्या हमें सच में इस बात का जश्न मनाना चाहिए कि Apple के उत्पाद एक समय में "क्रांतिकारी" थे? क्या यह तथ्य नहीं है कि आज के iPhone और MacBook महज एक स्टेटस सिंबल बनकर रह गए हैं?

    जिन उपयोगकर्ताओं ने Macintosh की शुरुआत देखी, उन्होंने उस अनुभव को दिल से जिया। लेकिन आज, जब हम इन उत्पादों को देखते हैं, तो हमें केवल निराशा और बेचारगी ही दिखाई देती है। पिछले कुछ वर्षों में तकनीकी विकास की गति इतनी तेज रही है, लेकिन Apple ने अपने उपयोगकर्ताओं को केवल अपडेटेड वर्जन और महंगे एक्सेसरीज़ के साथ पेश किया है।

    हम एक ऐसे समय में जी रहे हैं जहाँ तकनीक हमें जोड़ने के बजाय बांट रही है। Apple के उत्पादों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जबकि उनके फीचर्स में कोई नवीनता नहीं है। क्या यह सच में उचित है कि हम अपने पैसे को ऐसे उत्पादों पर लुटाएं जो अक्सर पहले से मौजूद टेक्नोलॉजी से अधिक कुछ नहीं हैं?

    इसलिए, हमें यह समझना होगा कि "An Emulated Stroll Down Macintosh Memory Lane" जैसी बातें केवल हमें पुरानी यादों में खोए रहने के लिए उकसाती हैं। हमें आगे बढ़ना चाहिए और तकनीकी कंपनियों से सच में नवाचार की उम्मीद करनी चाहिए, न कि पुरानी यादें ताज़ा करने के लिए।

    #Apple #Macintosh #TechnologyCritique #Innovation #Gadgets
    कितनी हास्यास्पद बात है कि हम आज भी "An Emulated Stroll Down Macintosh Memory Lane" जैसे लेखों पर ध्यान दे रहे हैं, जबकि असलियत में Apple के उत्पादों में गंभीर खामियां हैं। क्या यह सच में 1984 का जादू है जो हमें याद दिलाता है या फिर यह केवल एक पुरानी यादों की खोखली परेड है? क्या हमें अपने पहले Mac की यादें ताजा करने के लिए इस लेख की जरूरत है? नहीं, हम सभी जानते हैं कि Apple ने अपने शुरुआती दिनों में कुछ अद्भुत चीजें बनाई थीं, लेकिन अब यह सिर्फ एक मार्केटिंग मशीन बनकर रह गई है। क्या कोई सोचता है कि G3 iMac की "आकर्षकता" आज के समय में कुछ भी मायने रखती है? क्या आप अपने जीवन की कीमत एक रंगीन iMac के लिए चुकाने को तैयार हैं? आज का Apple, पुराने Macintosh के क्रांतिकारी विचारों से बहुत दूर है। जब मैं सोचता हूं कि कैसे Apple ने अपने उपयोगकर्ताओं को एक ऐसे इकोसिस्टम में कैद कर दिया है, जहाँ हर चीज महंगी और सीमित है, तो मुझे गुस्सा आता है। क्या हमें सच में इस बात का जश्न मनाना चाहिए कि Apple के उत्पाद एक समय में "क्रांतिकारी" थे? क्या यह तथ्य नहीं है कि आज के iPhone और MacBook महज एक स्टेटस सिंबल बनकर रह गए हैं? जिन उपयोगकर्ताओं ने Macintosh की शुरुआत देखी, उन्होंने उस अनुभव को दिल से जिया। लेकिन आज, जब हम इन उत्पादों को देखते हैं, तो हमें केवल निराशा और बेचारगी ही दिखाई देती है। पिछले कुछ वर्षों में तकनीकी विकास की गति इतनी तेज रही है, लेकिन Apple ने अपने उपयोगकर्ताओं को केवल अपडेटेड वर्जन और महंगे एक्सेसरीज़ के साथ पेश किया है। हम एक ऐसे समय में जी रहे हैं जहाँ तकनीक हमें जोड़ने के बजाय बांट रही है। Apple के उत्पादों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जबकि उनके फीचर्स में कोई नवीनता नहीं है। क्या यह सच में उचित है कि हम अपने पैसे को ऐसे उत्पादों पर लुटाएं जो अक्सर पहले से मौजूद टेक्नोलॉजी से अधिक कुछ नहीं हैं? इसलिए, हमें यह समझना होगा कि "An Emulated Stroll Down Macintosh Memory Lane" जैसी बातें केवल हमें पुरानी यादों में खोए रहने के लिए उकसाती हैं। हमें आगे बढ़ना चाहिए और तकनीकी कंपनियों से सच में नवाचार की उम्मीद करनी चाहिए, न कि पुरानी यादें ताज़ा करने के लिए। #Apple #Macintosh #TechnologyCritique #Innovation #Gadgets
    An Emulated Stroll Down Macintosh Memory Lane
    If you’re into Macs, you’ll always remember your first. Maybe it was the revolutionary classic of 1984 fame, perhaps it was the adorable G3 iMac in 1998, or even a …read more
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  • माइनक्राफ्ट, द फिल्म: सफलता की एक और शर्मनाक कहानी! क्या हमें वास्तव में इस फिल्म की ज़रूरत थी? इस सप्ताहांत में अमेरिकी सिनेमाघरों में रिलीज होने के बाद, इसने 157 मिलियन डॉलर की रिकॉर्ड कमाई की है। क्या यह सच में एक बड़ी उपलब्धि है, या बस एक और ओवरहाइपेड प्रोजेक्ट है जो केवल पब्लिसिटी और मार्केटिंग के बल पर खड़ा है?

    सबसे पहले, आइए इस बात पर चर्चा करें कि किस तरह से फिल्म ने "सुपर मारियो ब्रदर्स" को पीछे छोड़ दिया। क्या यह सच में बेहतर है, या क्या यह सिर्फ एक आंकड़ा है जो हमें दिखाता है कि मार्केटिंग कितनी प्रभावी हो सकती है? माइनक्राफ्ट, जो एक बेहतरीन गेम है, उसकी कहानी को एक फिल्म में बदलना एक बेकार प्रयास है। क्या फिल्म निर्माताओं ने गेम की जादुई दुनिया को सही तरीके से कैद किया है? या यह सिर्फ एक और कमर्शियल प्रोजेक्ट है जिस पर हमने नज़र रखी है?

    फिल्म की रिलीज के साथ ही, ऑनलाइन लीक की समस्या भी सामने आई है। क्या यह समझ में आता है कि हम एक ऐसी फिल्म के लिए इतनी बेकरारी दिखाते हैं जो केवल एक गेम का एक अनावश्यक अनुकूलन है? क्या हम वास्तव में इस तरह के कंटेंट को समर्थन देने के लिए तैयार हैं? इससे भी बुरा यह है कि जो लोग इसके लीक वर्जन को देख रहे हैं, वे इसे एक ऐसी कहानी के रूप में देख रहे हैं जो वास्तव में नहीं है। क्या हम उस बिंदु पर पहुँच गए हैं जहाँ हम केवल भौतिकता के लिए किसी चीज़ का अनुभव कर रहे हैं?

    यहाँ पर समस्या की जड़ है: हमारे समाज में गुणवत्ता की कमी। जब हम पैसा और समय बर्बाद कर रहे हैं एक ऐसी फिल्म पर जो स्पष्ट रूप से सिर्फ एक गेम के नाम पर चल रही है, तो हमें यह सोचना चाहिए कि हम किस तरह की मनोरंजन सामग्री को सपोर्ट कर रहे हैं। क्या हम और अधिक सामग्री की जरूरत है, या हम वास्तव में गुणवत्ता की तलाश कर रहे हैं? माइनक्राफ्ट, द फिल्म, सिर्फ एक और उदाहरण है कि कैसे हम असली कला और सामग्री को नजरअंदाज कर रहे हैं।

    आखिरकार, अगर हम केवल संख्या और बिक्री के आंकड़ों की बात करें, तो क्या यह सही है कि हम वास्तविकता से दूर रहते हैं? इस फिल्म को लेकर हमारा गुस्सा केवल इस बात का संकेत है कि हम और अधिक चाहते हैं। हमें इस प्रवृत्ति का विरोध करना होगा और वास्तविकता के लिए खड़े होना होगा।

    #माइनक्राफ्ट #फिल्म #ऑनलाइनलीक #सिनेमा #गुणवत्ता
    माइनक्राफ्ट, द फिल्म: सफलता की एक और शर्मनाक कहानी! क्या हमें वास्तव में इस फिल्म की ज़रूरत थी? इस सप्ताहांत में अमेरिकी सिनेमाघरों में रिलीज होने के बाद, इसने 157 मिलियन डॉलर की रिकॉर्ड कमाई की है। क्या यह सच में एक बड़ी उपलब्धि है, या बस एक और ओवरहाइपेड प्रोजेक्ट है जो केवल पब्लिसिटी और मार्केटिंग के बल पर खड़ा है? सबसे पहले, आइए इस बात पर चर्चा करें कि किस तरह से फिल्म ने "सुपर मारियो ब्रदर्स" को पीछे छोड़ दिया। क्या यह सच में बेहतर है, या क्या यह सिर्फ एक आंकड़ा है जो हमें दिखाता है कि मार्केटिंग कितनी प्रभावी हो सकती है? माइनक्राफ्ट, जो एक बेहतरीन गेम है, उसकी कहानी को एक फिल्म में बदलना एक बेकार प्रयास है। क्या फिल्म निर्माताओं ने गेम की जादुई दुनिया को सही तरीके से कैद किया है? या यह सिर्फ एक और कमर्शियल प्रोजेक्ट है जिस पर हमने नज़र रखी है? फिल्म की रिलीज के साथ ही, ऑनलाइन लीक की समस्या भी सामने आई है। क्या यह समझ में आता है कि हम एक ऐसी फिल्म के लिए इतनी बेकरारी दिखाते हैं जो केवल एक गेम का एक अनावश्यक अनुकूलन है? क्या हम वास्तव में इस तरह के कंटेंट को समर्थन देने के लिए तैयार हैं? इससे भी बुरा यह है कि जो लोग इसके लीक वर्जन को देख रहे हैं, वे इसे एक ऐसी कहानी के रूप में देख रहे हैं जो वास्तव में नहीं है। क्या हम उस बिंदु पर पहुँच गए हैं जहाँ हम केवल भौतिकता के लिए किसी चीज़ का अनुभव कर रहे हैं? यहाँ पर समस्या की जड़ है: हमारे समाज में गुणवत्ता की कमी। जब हम पैसा और समय बर्बाद कर रहे हैं एक ऐसी फिल्म पर जो स्पष्ट रूप से सिर्फ एक गेम के नाम पर चल रही है, तो हमें यह सोचना चाहिए कि हम किस तरह की मनोरंजन सामग्री को सपोर्ट कर रहे हैं। क्या हम और अधिक सामग्री की जरूरत है, या हम वास्तव में गुणवत्ता की तलाश कर रहे हैं? माइनक्राफ्ट, द फिल्म, सिर्फ एक और उदाहरण है कि कैसे हम असली कला और सामग्री को नजरअंदाज कर रहे हैं। आखिरकार, अगर हम केवल संख्या और बिक्री के आंकड़ों की बात करें, तो क्या यह सही है कि हम वास्तविकता से दूर रहते हैं? इस फिल्म को लेकर हमारा गुस्सा केवल इस बात का संकेत है कि हम और अधिक चाहते हैं। हमें इस प्रवृत्ति का विरोध करना होगा और वास्तविकता के लिए खड़े होना होगा। #माइनक्राफ्ट #फिल्म #ऑनलाइनलीक #सिनेमा #गुणवत्ता
    Minecraft, le film : succès massif et fuite en ligne
    C’est un carton ! Minecraft, le film, qui adapte au cinéma le célèbre jeu vidéo, a débarqué ce week-end dans le salles américaines. A la clé, le meilleur démarrage de l’année, avec des recettes estimées à 157 millions de dollars aux USA.
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