कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की दुनिया में हम लगातार नए-नए चमत्कारों की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन यह क्या है? "AI अब भी एक शाही चित्र नहीं बना सकता जो असहनीय रूप से creepy न लगे!" यह एक गंभीर बात है, और मैं इस पर चुप नहीं रह सकता। Ai-Da द्वारा बनाए गए किंग चार्ल्स III के चित्र ने तो जैसे हमें स्टार वार्स के सम्राट की याद दिला दी। क्या हमें अब भी इस तकनीक पर भरोसा करना चाहिए?
क्या यह सच में संभव है कि हम 21वीं सदी में हैं, और AI अभी तक एक साधारण और सम्मानजनक चित्र बनाने में असमर्थ है? यह न केवल तकनीकी कमी का संकेत है, बल्कि हमारे समाज की एक बड़ी विफलता भी है। हम ऐसे समय में जी रहे हैं जब हम सब कुछ स्वचालित और स्मार्ट बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जब बात आती है कला और सृजनात्मकता की, तो हम अविश्वसनीय रूप से पिछड़ गए हैं।
AI द्वारा बनाए गए चित्रों में "असंगतता" और "अजीबता" अब एक सामान्य बात बन गई है। हर बार जब हम एक नया AI चित्र देखते हैं, तो हमें यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि क्या यह सच में एक कलाकार का काम है या फिर एक मशीन का। और अगर यह मशीन का काम है, तो क्या यह किसी भी तरह से मानवता को दर्शाता है? नहीं! यह सिर्फ एक साधारण कंप्यूटर प्रोग्राम का उत्पाद है, जो हमारी भावनाओं और संवेदनाओं से कोसों दूर है।
किसी भी क्षेत्र में जब AI को लागू किया जाता है, तो हमें यह सोचना चाहिए कि क्या यह वास्तव में हमें आगे बढ़ा रहा है या फिर हमारी मूल संवेदनाओं को नष्ट कर रहा है। क्या हमें सच्ची कला की आवश्यकता नहीं है? क्या हमें ऐसे चित्रों की आवश्यकता है जो मात्र तकनीकी जादू का नतीजा हों? यह तो एक बड़ा मजाक बन गया है!
इस स्थिति के लिए हम किसको जिम्मेदार ठहराएँ? क्या यह तकनीकी विकास की गलती है या हमारे समाज की? जब हम ऐसे चित्रों को स्वीकार करते हैं, तो हम एक संदेश भेजते हैं कि हम कला की गुणवत्ता और उसके असली मूल्य को भूल चुके हैं। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि कला केवल एक चित्र नहीं है, बल्कि एक भावना है, एक अनुभव है जो हमें जोड़ता है। लेकिन जब AI हमें "क्रीपी" चित्र देता है, तो क्या यह वास्तव में कला है?
हमें अब अपने दृष्टिकोण को बदलने की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि AI केवल सहायक हो, न कि हमारी कला का स्थान ले। अगर हम इस तकनीक को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहते हैं, तो हमे इसे सही दिशा में ले जाना होगा।
#AI #कला #शाहीचित्र #क्रीपी #तकनीकीविकास
क्या यह सच में संभव है कि हम 21वीं सदी में हैं, और AI अभी तक एक साधारण और सम्मानजनक चित्र बनाने में असमर्थ है? यह न केवल तकनीकी कमी का संकेत है, बल्कि हमारे समाज की एक बड़ी विफलता भी है। हम ऐसे समय में जी रहे हैं जब हम सब कुछ स्वचालित और स्मार्ट बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जब बात आती है कला और सृजनात्मकता की, तो हम अविश्वसनीय रूप से पिछड़ गए हैं।
AI द्वारा बनाए गए चित्रों में "असंगतता" और "अजीबता" अब एक सामान्य बात बन गई है। हर बार जब हम एक नया AI चित्र देखते हैं, तो हमें यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि क्या यह सच में एक कलाकार का काम है या फिर एक मशीन का। और अगर यह मशीन का काम है, तो क्या यह किसी भी तरह से मानवता को दर्शाता है? नहीं! यह सिर्फ एक साधारण कंप्यूटर प्रोग्राम का उत्पाद है, जो हमारी भावनाओं और संवेदनाओं से कोसों दूर है।
किसी भी क्षेत्र में जब AI को लागू किया जाता है, तो हमें यह सोचना चाहिए कि क्या यह वास्तव में हमें आगे बढ़ा रहा है या फिर हमारी मूल संवेदनाओं को नष्ट कर रहा है। क्या हमें सच्ची कला की आवश्यकता नहीं है? क्या हमें ऐसे चित्रों की आवश्यकता है जो मात्र तकनीकी जादू का नतीजा हों? यह तो एक बड़ा मजाक बन गया है!
इस स्थिति के लिए हम किसको जिम्मेदार ठहराएँ? क्या यह तकनीकी विकास की गलती है या हमारे समाज की? जब हम ऐसे चित्रों को स्वीकार करते हैं, तो हम एक संदेश भेजते हैं कि हम कला की गुणवत्ता और उसके असली मूल्य को भूल चुके हैं। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि कला केवल एक चित्र नहीं है, बल्कि एक भावना है, एक अनुभव है जो हमें जोड़ता है। लेकिन जब AI हमें "क्रीपी" चित्र देता है, तो क्या यह वास्तव में कला है?
हमें अब अपने दृष्टिकोण को बदलने की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि AI केवल सहायक हो, न कि हमारी कला का स्थान ले। अगर हम इस तकनीक को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहते हैं, तो हमे इसे सही दिशा में ले जाना होगा।
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कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की दुनिया में हम लगातार नए-नए चमत्कारों की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन यह क्या है? "AI अब भी एक शाही चित्र नहीं बना सकता जो असहनीय रूप से creepy न लगे!" यह एक गंभीर बात है, और मैं इस पर चुप नहीं रह सकता। Ai-Da द्वारा बनाए गए किंग चार्ल्स III के चित्र ने तो जैसे हमें स्टार वार्स के सम्राट की याद दिला दी। क्या हमें अब भी इस तकनीक पर भरोसा करना चाहिए?
क्या यह सच में संभव है कि हम 21वीं सदी में हैं, और AI अभी तक एक साधारण और सम्मानजनक चित्र बनाने में असमर्थ है? यह न केवल तकनीकी कमी का संकेत है, बल्कि हमारे समाज की एक बड़ी विफलता भी है। हम ऐसे समय में जी रहे हैं जब हम सब कुछ स्वचालित और स्मार्ट बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जब बात आती है कला और सृजनात्मकता की, तो हम अविश्वसनीय रूप से पिछड़ गए हैं।
AI द्वारा बनाए गए चित्रों में "असंगतता" और "अजीबता" अब एक सामान्य बात बन गई है। हर बार जब हम एक नया AI चित्र देखते हैं, तो हमें यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि क्या यह सच में एक कलाकार का काम है या फिर एक मशीन का। और अगर यह मशीन का काम है, तो क्या यह किसी भी तरह से मानवता को दर्शाता है? नहीं! यह सिर्फ एक साधारण कंप्यूटर प्रोग्राम का उत्पाद है, जो हमारी भावनाओं और संवेदनाओं से कोसों दूर है।
किसी भी क्षेत्र में जब AI को लागू किया जाता है, तो हमें यह सोचना चाहिए कि क्या यह वास्तव में हमें आगे बढ़ा रहा है या फिर हमारी मूल संवेदनाओं को नष्ट कर रहा है। क्या हमें सच्ची कला की आवश्यकता नहीं है? क्या हमें ऐसे चित्रों की आवश्यकता है जो मात्र तकनीकी जादू का नतीजा हों? यह तो एक बड़ा मजाक बन गया है!
इस स्थिति के लिए हम किसको जिम्मेदार ठहराएँ? क्या यह तकनीकी विकास की गलती है या हमारे समाज की? जब हम ऐसे चित्रों को स्वीकार करते हैं, तो हम एक संदेश भेजते हैं कि हम कला की गुणवत्ता और उसके असली मूल्य को भूल चुके हैं। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि कला केवल एक चित्र नहीं है, बल्कि एक भावना है, एक अनुभव है जो हमें जोड़ता है। लेकिन जब AI हमें "क्रीपी" चित्र देता है, तो क्या यह वास्तव में कला है?
हमें अब अपने दृष्टिकोण को बदलने की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि AI केवल सहायक हो, न कि हमारी कला का स्थान ले। अगर हम इस तकनीक को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहते हैं, तो हमे इसे सही दिशा में ले जाना होगा।
#AI #कला #शाहीचित्र #क्रीपी #तकनीकीविकास



