ज़ेनिमैक्स ऑनलाइन स्टूडियोज के संस्थापक मैट फायरोर का माइक्रोसॉफ्ट के साथ काम छोड़ देना एक बड़ा संकेत है कि गेमिंग उद्योग में क्या गलत हो रहा है। जब हम सुनते हैं कि माइक्रोसॉफ्ट ने अपने वीडियो गेम डिवीजन में कई भूमिकाओं को खत्म कर दिया है, तो यह केवल एक कंपनी की असफलता नहीं है, बल्कि पूरे उद्योग की गिरावट का संकेत है। फायरोर का "स्टेपिंग अवे" करना, जैसा उन्होंने कहा, वास्तव में एक मजबूरी का नाम है। क्या यह वास्तव में आश्चर्यजनक है? नहीं! यह तो एक स्पष्ट संकेत है कि इस उद्योग में कुछ गड़बड़ है।
आजकल गेमिंग इंडस्ट्री में स्थिरता की कमी है। हम देख रहे हैं कि बड़े नामों को अपनी भूमिकाएं छोड़नी पड़ रही हैं जबकि छोटे स्टूडियोज संघर्ष कर रहे हैं। क्या यह वक्त नहीं है कि हम इस बेतरतीब व्यवस्था को समझें? माइक्रोसॉफ्ट जैसे बड़े खिलाड़ियों द्वारा किए गए लेऑफ्स केवल इन कंपनियों की मुनाफे की भूख को दर्शाते हैं। वे छोटे स्टूडियोज की देखभाल नहीं कर रहे हैं, केवल बड़े स्टूडियोज के साथ काम कर रहे हैं, और इसने पूरी इंडस्ट्री को अस्थिर कर दिया है।
फायरोर की विदाई के पीछे क्या है? क्या उन्हें अपने काम में संतोष नहीं मिल रहा था? क्या यह उनकी व्यक्तिगत पसंद थी या उन्हें मजबूर किया गया? यह जानने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि एक सफल कंपनी के लिए स्थिरता और वफादारी महत्वपूर्ण होती है। लेकिन जब एक संस्थापक खुद ही अपनी कंपनी को छोड़ता है, तो यह एक स्पष्ट संकेत है कि चीजें ठीक नहीं चल रही हैं।
क्या माइक्रोसॉफ्ट ने कभी यह सोचा है कि उनके कड़े फैसले छोटे स्टूडियोज जिनमें ज़ेनिमैक्स एक है, पर कितना बड़ा प्रभाव डालते हैं? क्या यह सिर्फ मुनाफा है जो मायने रखता है, या कर्मचारियों की भलाई और उनके भविष्य का भी कुछ महत्व है? क्या हमें और अधिक कंपनियों के बंद होने का इंतज़ार करना होगा, या अब भी समय है कि हम इस दिशा में कुछ करें?
इस स्थिति से साफ है कि हम सभी को एकजुट होकर इस असंगठित प्रबंधन के खिलाफ आवाज उठानी होगी। हमें यह समझना होगा कि गेमिंग केवल एक व्यवसाय नहीं है, बल्कि यह विचारों और सपनों की दुनिया है जो हमें जोड़ती है। अगर हम इस तरह की नीतियों को बढ़ने देंगे, तो हम केवल एक ठंडी और निर्जीव गेमिंग दुनिया में ही रह जाएंगे।
#गेमिंग #माइक्रोसॉफ्ट #ज़ेनिमैक्स #मैटफायरोर #वीडियोगेम्स
आजकल गेमिंग इंडस्ट्री में स्थिरता की कमी है। हम देख रहे हैं कि बड़े नामों को अपनी भूमिकाएं छोड़नी पड़ रही हैं जबकि छोटे स्टूडियोज संघर्ष कर रहे हैं। क्या यह वक्त नहीं है कि हम इस बेतरतीब व्यवस्था को समझें? माइक्रोसॉफ्ट जैसे बड़े खिलाड़ियों द्वारा किए गए लेऑफ्स केवल इन कंपनियों की मुनाफे की भूख को दर्शाते हैं। वे छोटे स्टूडियोज की देखभाल नहीं कर रहे हैं, केवल बड़े स्टूडियोज के साथ काम कर रहे हैं, और इसने पूरी इंडस्ट्री को अस्थिर कर दिया है।
फायरोर की विदाई के पीछे क्या है? क्या उन्हें अपने काम में संतोष नहीं मिल रहा था? क्या यह उनकी व्यक्तिगत पसंद थी या उन्हें मजबूर किया गया? यह जानने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि एक सफल कंपनी के लिए स्थिरता और वफादारी महत्वपूर्ण होती है। लेकिन जब एक संस्थापक खुद ही अपनी कंपनी को छोड़ता है, तो यह एक स्पष्ट संकेत है कि चीजें ठीक नहीं चल रही हैं।
क्या माइक्रोसॉफ्ट ने कभी यह सोचा है कि उनके कड़े फैसले छोटे स्टूडियोज जिनमें ज़ेनिमैक्स एक है, पर कितना बड़ा प्रभाव डालते हैं? क्या यह सिर्फ मुनाफा है जो मायने रखता है, या कर्मचारियों की भलाई और उनके भविष्य का भी कुछ महत्व है? क्या हमें और अधिक कंपनियों के बंद होने का इंतज़ार करना होगा, या अब भी समय है कि हम इस दिशा में कुछ करें?
इस स्थिति से साफ है कि हम सभी को एकजुट होकर इस असंगठित प्रबंधन के खिलाफ आवाज उठानी होगी। हमें यह समझना होगा कि गेमिंग केवल एक व्यवसाय नहीं है, बल्कि यह विचारों और सपनों की दुनिया है जो हमें जोड़ती है। अगर हम इस तरह की नीतियों को बढ़ने देंगे, तो हम केवल एक ठंडी और निर्जीव गेमिंग दुनिया में ही रह जाएंगे।
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ज़ेनिमैक्स ऑनलाइन स्टूडियोज के संस्थापक मैट फायरोर का माइक्रोसॉफ्ट के साथ काम छोड़ देना एक बड़ा संकेत है कि गेमिंग उद्योग में क्या गलत हो रहा है। जब हम सुनते हैं कि माइक्रोसॉफ्ट ने अपने वीडियो गेम डिवीजन में कई भूमिकाओं को खत्म कर दिया है, तो यह केवल एक कंपनी की असफलता नहीं है, बल्कि पूरे उद्योग की गिरावट का संकेत है। फायरोर का "स्टेपिंग अवे" करना, जैसा उन्होंने कहा, वास्तव में एक मजबूरी का नाम है। क्या यह वास्तव में आश्चर्यजनक है? नहीं! यह तो एक स्पष्ट संकेत है कि इस उद्योग में कुछ गड़बड़ है।
आजकल गेमिंग इंडस्ट्री में स्थिरता की कमी है। हम देख रहे हैं कि बड़े नामों को अपनी भूमिकाएं छोड़नी पड़ रही हैं जबकि छोटे स्टूडियोज संघर्ष कर रहे हैं। क्या यह वक्त नहीं है कि हम इस बेतरतीब व्यवस्था को समझें? माइक्रोसॉफ्ट जैसे बड़े खिलाड़ियों द्वारा किए गए लेऑफ्स केवल इन कंपनियों की मुनाफे की भूख को दर्शाते हैं। वे छोटे स्टूडियोज की देखभाल नहीं कर रहे हैं, केवल बड़े स्टूडियोज के साथ काम कर रहे हैं, और इसने पूरी इंडस्ट्री को अस्थिर कर दिया है।
फायरोर की विदाई के पीछे क्या है? क्या उन्हें अपने काम में संतोष नहीं मिल रहा था? क्या यह उनकी व्यक्तिगत पसंद थी या उन्हें मजबूर किया गया? यह जानने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि एक सफल कंपनी के लिए स्थिरता और वफादारी महत्वपूर्ण होती है। लेकिन जब एक संस्थापक खुद ही अपनी कंपनी को छोड़ता है, तो यह एक स्पष्ट संकेत है कि चीजें ठीक नहीं चल रही हैं।
क्या माइक्रोसॉफ्ट ने कभी यह सोचा है कि उनके कड़े फैसले छोटे स्टूडियोज जिनमें ज़ेनिमैक्स एक है, पर कितना बड़ा प्रभाव डालते हैं? क्या यह सिर्फ मुनाफा है जो मायने रखता है, या कर्मचारियों की भलाई और उनके भविष्य का भी कुछ महत्व है? क्या हमें और अधिक कंपनियों के बंद होने का इंतज़ार करना होगा, या अब भी समय है कि हम इस दिशा में कुछ करें?
इस स्थिति से साफ है कि हम सभी को एकजुट होकर इस असंगठित प्रबंधन के खिलाफ आवाज उठानी होगी। हमें यह समझना होगा कि गेमिंग केवल एक व्यवसाय नहीं है, बल्कि यह विचारों और सपनों की दुनिया है जो हमें जोड़ती है। अगर हम इस तरह की नीतियों को बढ़ने देंगे, तो हम केवल एक ठंडी और निर्जीव गेमिंग दुनिया में ही रह जाएंगे।
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