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मैंने हमेशा सोचा था कि जब भी मैं अपने सपनों के पीछे भागूंगा, मुझे खुशी मिलेगी। लेकिन अब, अकेलेपन की इस रात में, मैं महसूस कर रहा हूं कि खुशियां केवल एक भ्रांति थीं। वेलिंगटन एनिमेशन फिल्म फेस्टिवल का हर साल आना, मुझे उम्मीद दिलाता था। लेकिन अब, इस बार, मुझे वहां जाने का कोई साथी नहीं है।
किसी ने कहा था कि कला हमारी अकेलेपन को कम कर देती है, लेकिन जब आप उस कला को अकेले देखते हैं, तो वह और भी अधिक दर्दनाक होती है। "लॉन्ग्स मेट्रिक्स" और "शॉर्ट्स" की दुनिया में खो जाना अब मुझे और भी तन्हा लग रहा है। क्या यह सच है कि हम अपने ही सपनों में खो जाते हैं? क्या हम उन खुशियों को ढूंढने की कोशिश में खुद को खो देते हैं?
यह वेलिंगटन फिल्म फेस्टिवल, जो मार्च के अंत में होता है, मुझे अपने बचपन की याद दिलाता है। उन दिनों में, मैं अपने दोस्तों के साथ फिल्में देखने जाया करता था। हर एक फिल्म की कहानी मेरे दिल को छू जाती थी। उस समय, मैं जानता था कि मैं कभी अकेला नहीं रहूँगा। लेकिन अब, जब फिल्में चालू होती हैं, तो मैं सिर्फ अपनी सिटिंग सीट पर बैठा होता हूं, और मेरी आँखों में आँसू होते हैं।
इस फेस्टिवल में "लै वाई", "ल'ओरेज" जैसे अद्भुत नाम हैं, लेकिन क्या ये नाम मेरे दिल की गहराइयों में बसी अकेलेपन की आवाज़ को सुन सकते हैं? क्या ये फिल्में मुझे उस खोई हुई खुशी की याद दिला सकती हैं? शायद नहीं। शायद मुझे खुद को ही फिर से खोजना होगा।
हर एक फ्रेम, हर एक सीन, मुझे मेरी तन्हाई का एहसास कराते हैं। क्या इस बार मैं भीड़ में खो जाऊँगा? क्या ये फिल्में मेरी धड़कनों को फिर से जीवित करेंगी? या मैं सिर्फ एक और दर्शक रह जाऊँगा, जो अपनी कहानियों के साथ अकेला रहेगा?
यह वेलिंगटन एनिमेशन फिल्म फेस्टिवल मेरे लिए सिर्फ एक इवेंट नहीं है, बल्कि यह मेरी खोई हुई खुशियों और सपनों की खोज का एक प्रयास है। शायद, इस बार मैं अपने अंदर के अंधेरों को उजागर कर सकूँगा।
#वेलिंगटनफिल्मफेस्टिवल #अकेलापन #खुशियोंकीखोज #एनिमेशन #सपनेमैंने हमेशा सोचा था कि जब भी मैं अपने सपनों के पीछे भागूंगा, मुझे खुशी मिलेगी। लेकिन अब, अकेलेपन की इस रात में, मैं महसूस कर रहा हूं कि खुशियां केवल एक भ्रांति थीं। वेलिंगटन एनिमेशन फिल्म फेस्टिवल का हर साल आना, मुझे उम्मीद दिलाता था। लेकिन अब, इस बार, मुझे वहां जाने का कोई साथी नहीं है। 🎭 किसी ने कहा था कि कला हमारी अकेलेपन को कम कर देती है, लेकिन जब आप उस कला को अकेले देखते हैं, तो वह और भी अधिक दर्दनाक होती है। "लॉन्ग्स मेट्रिक्स" और "शॉर्ट्स" की दुनिया में खो जाना अब मुझे और भी तन्हा लग रहा है। क्या यह सच है कि हम अपने ही सपनों में खो जाते हैं? क्या हम उन खुशियों को ढूंढने की कोशिश में खुद को खो देते हैं? 🌧️ यह वेलिंगटन फिल्म फेस्टिवल, जो मार्च के अंत में होता है, मुझे अपने बचपन की याद दिलाता है। उन दिनों में, मैं अपने दोस्तों के साथ फिल्में देखने जाया करता था। हर एक फिल्म की कहानी मेरे दिल को छू जाती थी। उस समय, मैं जानता था कि मैं कभी अकेला नहीं रहूँगा। लेकिन अब, जब फिल्में चालू होती हैं, तो मैं सिर्फ अपनी सिटिंग सीट पर बैठा होता हूं, और मेरी आँखों में आँसू होते हैं। 🎬 इस फेस्टिवल में "लै वाई", "ल'ओरेज" जैसे अद्भुत नाम हैं, लेकिन क्या ये नाम मेरे दिल की गहराइयों में बसी अकेलेपन की आवाज़ को सुन सकते हैं? क्या ये फिल्में मुझे उस खोई हुई खुशी की याद दिला सकती हैं? शायद नहीं। शायद मुझे खुद को ही फिर से खोजना होगा। 💔 हर एक फ्रेम, हर एक सीन, मुझे मेरी तन्हाई का एहसास कराते हैं। क्या इस बार मैं भीड़ में खो जाऊँगा? क्या ये फिल्में मेरी धड़कनों को फिर से जीवित करेंगी? या मैं सिर्फ एक और दर्शक रह जाऊँगा, जो अपनी कहानियों के साथ अकेला रहेगा? यह वेलिंगटन एनिमेशन फिल्म फेस्टिवल मेरे लिए सिर्फ एक इवेंट नहीं है, बल्कि यह मेरी खोई हुई खुशियों और सपनों की खोज का एक प्रयास है। शायद, इस बार मैं अपने अंदर के अंधेरों को उजागर कर सकूँगा। 🌌 #वेलिंगटनफिल्मफेस्टिवल #अकेलापन #खुशियोंकीखोज #एनिमेशन #सपनेWellington Animation Film Festival, du 21 au 23 mars !Le WAFF (Wellington Animation Festival) revient ce week-end en Nouvelle-Zélande pour sa seconde édition. Au menu : un programme varié, et une équipe organisatrice que nous avions déjà eu l’occasion d’évoquer sur 3DVF ! Longs métrages, cou1 Comments 0 Shares 44 Views 0 ReviewsPlease log in to like, share and comment!
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